सुर्य से संबंधित 35 रोचक तथ्य
👇👇👌👌👌🌞🌞🌞🌞चाहे दिन हो जा रात आप जब भी यह तथ्य पढ़ रहे हो या कभी भी कुछ कर रहे हो तो सुर्य द्वारा छोड़े गए 10 लाख अरब (1013) न्युट्रान आप के शरीर से गुजर रहे होते हैं.
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सुर्य मंण्डल का 99.24% वजन सुर्य का है.
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अगर सु्र्य का आकार एक फुटबाल जितना और बृहस्पति का गोल्फ बाल जितना कर दिया जाए तो धरती का आकार एक मटर से भी कम होगा.
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प्रकाश सुरज से धरती पर आने के लिए 8 मिनट 17 सैकेंड लेता है.
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संस्कृत भाषा में सुर्य के कुल 108 नाम हैं.
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अगर मान ले कि आप सुर्य की सतह पर रहते हैं तो आप को धरती पर आने कि लिए जो रॉकेट त्यार करना होगा उसकी शुरूआती गति 618 किलोमीटर प्रति सैंकेड होनी चाहिए.
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सुर्य 74 प्रतीशत हाईड्रोजन और 24 प्रतीशत हीलियम से बना है और बाकी का हिस्सा कई भारी तत्वों जैसे ऑक्सीजन, कार्बन, लोहे और नीयोन से बना है.
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सुर्य की बाहरी सतह का तापमान 5500 डिगरी सेलसीयस है जबकि अंदरूनी भाग का तापमान 1 करोड 31 लाख डिगरी सेलसीयस है.
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सुर्य भारी मात्रा में सौर वायु उत्पन्न करता है जिसमें इलेक्ट्रॉन और प्रोटान जैसे कण होते है. यह वायु इतनी तेज (लगभग 450 किलोमीटर प्रति सैकेंड) और शक्तिशाली होती है कि इसमें मौजुद इनेक्ट्रॉन और प्रोटान सुर्य के शक्तिशाली गुरूत्व से भी बाहर निकल जाते हैं.
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धरती जैसे शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र वाले ग्रह ऐसे कणों को धरती के पास पहुँचने से पहले ही मोड़ देते हैं. (ध्यान रहें चुंबकीय क्षेत्र मोड़ता है वायुमंडल नही.)
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सूर्य ग्रहण
सुर्य ग्रहण तब होता है जब चाँद, धरती और सुर्य के मध्य आ जाए. यह स्थिती ज्यादा से ज्यादा 20 मिनट तक रहती है.
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धरती पर हर जगह 360 दिनो में एक बार सुर्य ग्रहण जरूर दिखता है. साल में ज्यादा मे ज्यादा 5 बार ही सुर्य ग्रहण लगता है. सुर्य ग्रहण 7 मिनट 40 सैंकेड तक रहता है मगर संम्पूर्ण सुर्य ग्रहण 20 मिनट तक चलता है.
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सुर्य की द्रव्यमान (वजन) लगभग 1.989*1030 किलोग्राम है.
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हर सैकेंड सुर्य में 7 करोड़ टन हाईड्रोजन , 6 करोड़ 95 लाख टन हीलियम में बदलती है और बची 5 लाख टन गामा किरणों में बदल जाती है.
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हर सैकेड सुर्य का द्रव्यमान 50 लाख टन कम हो जाता है.
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सुर्य के अंदरूनी भाग का दबाब धरती के वायुमंडल के दबाब से 340 अरब गुना ज्यादा है. सुर्य के अंदरूनी भाग की घनता, धरती पर मौजुद पानी की घनता से 150 गुना ज्यादा है.
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अगर सुर्य के केंद्र से एक पनीर के टुकड़े जितने भाग को धरती की सतह पर रख दिया जाए तो कोई भी चट्टान जा ओर कोई चीज इसे धरती के 150 किलोमीटर अंदर तक घसने से नही रोक सकती .
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सुर्य की सतह का क्षेत्रफल धरती के क्षेत्रफल से 11990 गुना ज्यादा है.
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सुर्य का गुरूत्वार्कष्ण धरती से 28 गुना ज्यादा है. मतलब कि अगर धरती पर आपका वजन 60 किलो है तो सुर्य पर यह 1680 किलो होगा.
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धरती की तरह सुर्य ठोस नही है. यह सारा का सारा गैसो का बना हुआ है.
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सुर्य का गुरूत्व इतना शक्तिशाली है कि 6 अरब किलोमीटर दूर स्थित पलुटो ग्रह भी इसके गुरूत्व के कारण अपनी कक्षा में घूम रहा है.
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पलायन वेग किसी पिंड की उस शक्ति को कहते है जो कि किसी निश्चित दूरी पर गति कर रही वस्तु को अपनी ओर खीच लेता है. सुर्य का पलायन वेग 20 लाख 22 किलोमीटर है. मतलब कि सुर्य अपने 20 लाख 22 हजार किलोमीटर के दायरे में आनी वाली हर चीज को अपनी ओर खीच लेगा.
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प्रकाश सुर्य से प्लुटो तक पहुँचने में 5 घंटे 30 मिनट लेता है.
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जैसे हमारी धरती अपने धुरे के समक्ष 24 घंटे में एक चक्कर पूरा करती है ऐसे ही सुर्य अपनी धूरे के समक्ष 25 दिन में एक चक्कर पूरा करता है.
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जबसे सुर्य का जन्म हुआ है इसने सिर्फ 20 बार ही आकाशगंगा का चक्कर काटा है.
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सुर्य के एक वर्ग सैंटीमीटर से जितनी उर्जा पैदा होती है इतनी उर्जा 100 वाट के 64 बल्बो को जगाने के लिए काफी होगी.
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सुर्य की जितनी उर्जा धरती पर पहुँचती है इतनी उर्जा संम्पूर्ण मानवो द्वारा खप्त की उर्जा से 6000 गुना ज्यादा होती है.
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जितनी उर्जा 30 दिन में धरती को सुर्य द्वारा मिलती है इतनी उर्जा मानवो द्वारा पिछले 40,000 साल से खप्त उर्जा से कहीं ज्यादा है.
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अगर मान लें कि सुर्य की चमक एक दिन धरती पर न पुँहचे तो धरती कुछ ही घंटो में बर्फ की तरह पूरी तरह से जम जाएगी सारी धरती उत्तरी ओर दक्ष्णी ध्रव जैसी बन जाएगी.
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